मौर्य साम्राज्य के केंद्रीय शासन का वर्णन करें
मौर्य शासन प्रणाली पर एक लेख लिखें ?
अथवा मौर्य साम्राज्य के केंद्रीय शासन का वर्णन करें ?
अथवा मौर्य प्रशासन की
मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें ?
उतर –a.एक्तान्त्रिक राज्य कि व्यवस्था - राज्य का सर्वश्रेष्ठ अधिकारी राजा होता था साम्राज्य की सारी शक्ति उसी में केंद्रित रहते थे उसके तीन मुख्य कर्तव्य थे
i.शासन संबंधी ii.न्याय संबंधी iii.सैनिक संबंधी
वह प्रधान शासक , प्रधान न्यायाधीश , प्रधान सेनापति होता था
b. मंत्रिमंडल - राजा की सहायता के लिए मंत्री परिषद थी | सभी मंत्री विद्वान सुयोग्य और अनुभवी होते थे
c.केंद्रीय शासन का संगठन - शासन की सुविधा के लिए केंद्रीय शासन कई भागों में बांटा था जिनको तीर्थ कहते थे | प्रत्येक विभाग के संचालन और निरीक्षण के लिए उसका एक अध्यक्ष होता था जिसे अमात्य कहते थे |
d.प्रांतीय शासन - चंद्रगुप्त मौर्य का एक विशाल साम्राज्य का शासक था |शासन की सुविधा के लिए उसके साम्राज्य कई प्रांतों में बटा था | जिसकी संख्या संभवत 6 थी
e. स्थानीय शासन - शासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी ग्राम का शासक ग्रामीक कहलाता था उसे ग्रामवासी चुनते थे
f.नगर शासन- बड़े बड़े नगरों का शासन करने के लिए 30 सदस्यों की एक नगर परिषद होती थी | यह परिषद 6 समितियों में बटी थी जिसमें 5 - 5 सदस्य होते थे
यह समितियां थी – i. शिल्प कला समिति ii.विदेशी यात्री समिति iii. जनगणना समिति iv.वाणिज्य समिति v. उद्योग समिति vi.कर समिति
g.राजस्व व्यवस्था - राजस्व व्यवस्था सुदृढ़ थी | आमदनी
के मुख्य स्रोत भूमि कर थी इसके आलवा फल फसल, ओषधियों जैसे
चीजो पर उपज का 1/6 भाग कर के रूप मे वसूल किया जाता था | सिंचाई पर भी किसानों को
कर देना पड़ता था
ii.सैनी व्यवस्था- सेना चार भागों में विभाजित है i.पैदल ii.अश्वारोही iii.हाथी iv.रथ
देश में आंतरिक शांति एवं व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग दो
भागों में विभक्त था प्रकट एवं गुप्तचर विभाग | इनमें स्त्रियां भी कार्य करती थी|
j.कृषि किसी की उन्नति - कृषि किसी की उन्नति के लिए राज्य की ओर से विशेष ध्यान दिया जाता था | सिंचाई के लिए कुवे, नहर, और जलाशय का निर्माण किया जाता था
इस प्रकार हम पाते हैं कि चंद्रगुप्त का शासन व्यवस्था सुव्यवस्थित एवं प्रभावशाली था
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